देश ओ जनतन्के कहानी खराब बा
समृद्ध देश विकासके बिहानी खराब बा
उमेर आइठ एकचो पत्थर फोर्ना मेर
बेरोजगार युवन्के जवानी खराब बा
रहर नै हो केक्रो बिदेशी भूमिमे जैना
गाउँ परिवेश सब्के राहदानी खराब बा
करे डेउ की मरे डेउ कहटी बटाँ यहाँ
मरमनदुरके पस्ना आम्दानी खराब बा
मेची कोशी, सगरमाथा सिक्चटी जाइटा
जनकपुरधाम, बुद्ध भवानी खराब बा
गोबरडिहा–६,देउखर,दाङ
साभारः १ फागुन, गोरखापत्र




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